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संज्ञा और संज्ञा के भेद – हिंदी व्याकरण

संज्ञा और संज्ञा के भेद – हिंदी व्याकरण

इस भाग में हम, हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar का विषय – ‘संज्ञा और संज्ञा के भेद’ के बारे में जानेंगे। हिंदी विषय को बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में एक आवश्यक विषय के रूप में लिया जाता है। इन सभी प्रतियोगिताओं में हिंदी विषय में प्रमुख योगदान हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar का है, जिसका एक प्रमुख विषय – ‘संज्ञा और संज्ञा के भेद’ को हम यहाँ पढ़ रहें हैं:-

 संज्ञा (NOUN)

परिभाषा:- किसी भी व्यक्ति, वस्तु, जाति, भाव या स्थान के नाम का बोध कराने वाले शब्द संज्ञा कहलाते हैं। जैसे – मनुष्य (जाति), टेबल(वस्तु), प्रसन्नता, मिठास(भाव), भारत (स्थान) आदि।

संज्ञा के मुख्यतः तीन भेद होते हैं :-

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. भाववाचक संज्ञा

आगे जातिवाचक संज्ञा के दो उपभेद हैं –  (क) द्रव्यवाचक संज्ञा (ख) समूहवाचक संज्ञा।

संज्ञा के भेद sukrajclasses.com

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा: जिस संज्ञा शब्द से एक ही व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध हो, उसे “व्यक्तिवाचक संज्ञा” कहते हैं।

व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण :-

  • सचिन तेन्दुलकर क्रिकेट खेलते हैं।
  • मैं भारत में रहता हूँ।
  • महाभारत एक महान ग्रन्थ है।
  • अमिताभ बच्चन कलाकार हैं।
  • अंग्रेजी दुनिया में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है।

ऊपर दिए गए वाक्यों में सचिन तेन्दुलकरभारतमहाभारत, व अमिताभ बच्चन, अंग्रेजी संज्ञा शब्द कहलायेंगे क्योंकि ये शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराते हैं।

 

  1. जातिवाचक संज्ञा: जिस संज्ञा शब्द से किसी जाति के संपूर्ण प्राणियों, वस्तुओं, स्थानों आदि का बोध होता हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं । गाय, आदमी, पुस्तक, नदी आदि शब्द अपनी पूरी जाति का बोध कराते हैं, इसलिए जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण :-

  • स्कूल में बच्चे पढ़ते हैं।
  • बिल्ली चूहे खाती है।
  • पेड़ों पर पक्षी बैठे हैं

ऊपर दिए गए वाक्यों में बच्चेचूहेपक्षी जातिवाचक संज्ञा शब्द कहलायेंगे क्योंकि ये किसी विशेष बच्चे या पक्षी का बोध न कराकर सभी बच्चो व पक्षियों का बोध करा रहे हैं।

जातिवाचक संज्ञा के दो उपभेद होतें हैं-    (क) द्रव्यवाचक संज्ञा     (ख) समूहवाचक संज्ञा।

(क) द्रव्यवाचक संज्ञा :- जो शब्द किसी धातु या द्रव्य का बोध करते हैं, द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- कोयला, पानी, तेल, घी, दुध, चांदी, सोना, चावल,गेहुं,मिट्टी, तेल, बजरी आदि। यह अगणनीय संज्ञा के रूप में भी वर्गीकृत की जाती है|

क्या है गणनीय संज्ञा व अगणनीय संज्ञा?

  • गणनीय संज्ञा – ऐसी वस्तुएं जिनकी गणना की जा सके तो उसे गणनीय संज्ञा कहते है।  जैसे – रुपये(सिक्के),पुस्तक,लड़का,कमरा आदि।
  • अगणनीय संज्ञा – ऐसी वस्तुएं जिनकी गणना नहीं की जा सके तो उसे अगणनीय संज्ञा कहते है।  जैसे – पानी,दुध,सोना,चाँदी,धन,प्रेम आदि।

(ख) समूहवाचक (समुदायवाचक) संज्ञा:- जिन संज्ञा शब्दों से किसी भी व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है, उन शब्दों को समूहवाचक या समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- भीड़, पुस्तकालय, झुंड, सेना आदि।

 

  1. भाववाचक संज्ञा:- जो शब्द किसी चीज़ या पदार्थ की अवस्था, दशा या भाव का बोध कराते हैं, उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे बचपन, बुढ़ापा, मोटापा, मिठास आदि।

नोट:- संज्ञा के तीन आधार हैं, जिन्हें ‘संज्ञा की कोटियाँ’ भी कहा जाता है। ये हैं – लिंग, वचन और कारक। 

 

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