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क्रियाविशेषण और क्रियाविशेषण के भेद- हिंदी व्याकरण

क्रियाविशेषण और क्रियाविशेषण के भेद- हिंदी व्याकरण

इस भाग में हम, हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar का विषय – ‘क्रियाविशेषण और क्रियाविशेषण के भेद’ के बारे में जानेंगे। हिंदी विषय को बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में एक आवश्यक विषय के रूप में लिया जाता है। इन सभी प्रतियोगिताओं में हिंदी विषय में प्रमुख योगदान हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar का है, जिसका एक प्रमुख विषय – ‘क्रियाविशेषण और क्रियाविशेषण के भेद’ को हम यहाँ पढ़ रहें हैं:-

क्रियाविशेषण (Adverb) और इसके भेद

परिभाषा:- क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे –  वह धीरे-धीरे चलता है।

  • इस वाक्य में ‘चलता’ क्रिया है और ‘धीरे-धीरे’ उसकी विशेषता बता रहा है। अतः ‘धीरे-धीरे’ क्रिया-विशेषण है।

क्रियाविशेषण के उदाहरण

  • खरगोश तेज़ दौड़ता है।
  • शेर धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।

ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि-  तेज़ और धीरे-धीरे शब्द क्रमशः  ‘दौड़ना’ और ‘बढना’ क्रियाओं की विशेषता बताने का काम कर रहे है। अतः ‘तेज़’ और ‘धीरे-धीरे’ शब्द क्रियाविशेषण हैं।

क्रिया विशेषण के भेद:

अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के चार भेद होते हैं:-

  1. रीतिवाचक
  2. कालवाचक
  3. स्थानवाचक
  4. परिणामवाचक

1.  कालवाचक क्रियाविशेषण:-

वो क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के होने के समय के बारे में बताते हैं, कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे:- परसों, पहले, पीछे, कभी, अब तक, अभी-अभी, बार-बार।

उदाहरण:

  • मोहित कल मेरे घर आया था।
  • मैं परसों दिल्ली जाऊंगा
  • मैंने सुबह खाना खाया था।
  • मैं शाम को खेलने जाता हूँ।

ऊपर दिए गए उदाहरणों से हमें निश्चित ही क्रिया के होने के समय के बारे में पता चल रहा है अत: कल, परसों, सुबह और शाम शब्द क्रमशः आया, जाऊंगा, खाया और जाता क्रिया के लिए ‘कालवाचक क्रियाविशेषण’ हैं।

कालवाचक क्रियाविशेषण के भेद:-

  1. कालबिंदुवाचक क्रिया-विशेषण – आज, कल, परसों, अब, जब, कब, अभी इत्यादि।
  2. अवधिवाचक क्रिया-विशेषण- आजकल, सदैव, रात-भर, लगातार, निरंतर इत्यादि।
  3. बारम्बारतावाचक क्रिया-विशेषण – रोज, हरदिन, प्रतिदिन, प्रतिवर्ष इत्यादि।

 

2.  रीतिवाचक क्रियाविशेषण:-

ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जो किसी क्रिया के होने की विधि या तरीके का बोध कराते हैं, रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। जैसे:- धीरे–धीरे, जल्दी, रोज़ आदि।

उदाहरण:-

  • पवन ध्यान से पढता है।
  • वह फटाफट खाता है।
  • सुमित गलत चाल चलता है।
  • कछुआ धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।

ऊपर दिए गए उदाहरणों में- ध्यान से, फटाफट, गलत और धीरे-धीरे शब्द क्रमशः पढ़ना, खाना, चलना और बढना क्रियाओं कि विधि को दर्शा रहे हैं। अतः यह शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

रीतिवाचक क्रियाविशेषण के भेद:

  • विधिवाचक- धीरे-धीरे, सुखपूर्वक, शीघ्र ।
  • निश्चयवाचक- जरूर, अवश्य, निस्संदेह।
  • अनिश्चयवाचक- शायद, अकसर।
  • निषेधवाचक- नहीं, कभी नहीं, मत।
  • स्वीकृतिवाचक- हाँ, सच, ठीक, जी।
  • आकस्मिकतावाचक- अचानक, सहसा, अकस्मात्।
  • अवधारणावाचक- ही, भर, तक, मात्र।
  • प्रश्नवाचक- कैसे, क्यों।
  • हेतुवाचक- इसलिए, अतएव, क्योंकि।

 

3.  स्थानवाचक क्रियाविशेषण:-

जो शब्द क्रिया की स्थान या दिशा सम्बन्धी विशेषता बताते हैं, वे स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। जैसे- यहाँ, वहाँ, कहाँ, जहाँ, सामने, नीचे, ऊपर, आगे, भीतर, बाहर आदि।

  • उदाहरण:
    • मोहन आजकल घर के अन्दर ही रहता है।
    • मैं बाहर दोस्तों के साथ खेलता हूँ।
    • मोहन मैदान में खेल रहा है।
    • नेहा का कमरा उपर है।

स्थानवाचक क्रिया-विशेषण केप्रकार:-

  1. स्थितिवाचक क्रिया-विशेषण – आस-पास, आगे, पीछे, जहाँ, तहाँ, आर-पार इत्यादि।
  2. दिशावाचक क्रिया-विशेषण – ऊपर, नीचे, दाएँ, बाएँ, इधर-उधर, चारों ओर इत्यादि।

 

4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण:-

ऐसे क्रिया-विशेषण शब्द जिनसे हमें क्रिया के परिमाण, मात्रा का पता चलता है, वे शब्द परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। जैसे: खूब, जरा,अधिक, कम, जरा, इतना, उतना।

  • उदाहरण:
    • नेहा ज्यादा बोलती है।
    • रोहन अधिक खाना खाता है।
    • सभी को पर्याप्त नींद लेनी चाइए।

ऊपर दिए गए उदाहरणों में, ज्यादा, अधिक और पर्याप्त शब्द क्रमश: बोलना, खाना और नींद लेना (सोना) क्रियाओं के परिमाप/मात्र का बोध कराते हैं। अत: ये शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण हैं।

परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण के भेद:-

  • अधिकतावाचक क्रिया-विशेषण – खूब, जरा, अत्यंत, अधिक इत्यादि।
  • न्यूनतावाचक क्रिया-विशेषण – कम, जरा, थोड़ा इत्यादि।
  • पर्याप्ततावाचक क्रिया-विशेषण – काफी, पर्याप्त इत्यादि।
  • तुलनावाचक क्रिया-विशेषण – जितना, कितना, इतना, उतना इत्यादि।
  • श्रेणीवाचक क्रिया-विशेषण – थोड़ा-थोड़ा, क्रम से, बारी-बारी से इत्यादि।

क्रियाविशेषण और क्रियाविशेषण के भेद- हिंदी व्याकरण

विशेषण एवं क्रियाविशेषण में अंतर:-

जैसा कि आप जानतें है कि – संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले पद “विशेषण” कहलाते हैं जबकि क्रिया की विशेषता बताने वाले पद “क्रिया-विशेषण”।

  • एक ही पद का प्रयोग विशेषण के रूप में भी होता है और क्रिया-विशेषण के रूप में भी। अत: आपको ध्यानपूर्वक पढ़कर पद के प्रयोग के आधार पर ही निश्चित करना चाहिए कि पद विशेषण है या क्रिया-विशेषण।

नीचे दिए गये उदाहरणों द्वारा इनमें अंतर देखिये:-

विशेषण

क्रिया-विशेषण

  रीटा के पास कुछ खिलौने हैं।   रीटा कुछ खा रही है।
  उसके पास बहुत मिठाइयाँ हैं।   वह बहुत खाता है।
  कुछ लड़कियाँ आ रही हैं।   लड़कियाँ कुछ उदास हैं।
  रवि एक अच्छा लड़का है।   रवि अच्छा गाता है।

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