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सर्वनाम की परिभाषा और सर्वनाम के भेद – हिंदी व्याकरण

सर्वनाम की परिभाषा और सर्वनाम के भेद – हिंदी व्याकरण

इस भाग में हम, हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar का विषय – ‘सर्वनाम की परिभाषा और सर्वनाम के भेद’ के बारे में जानेंगे। हिंदी विषय को बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में एक आवश्यक विषय के रूप में लिया जाता है। इन सभी प्रतियोगिताओं में हिंदी विषय में प्रमुख योगदान हिंदी व्याकरण – Hindi Grammar का है, जिसका एक प्रमुख विषय – ‘सर्वनाम की परिभाषा और सर्वनाम के भेद’ को हम यहाँ पढ़ रहें हैं:-

सर्वनाम (PRONOUN)

सर्वनाम की परिभाषा: भाषा को प्रभावशाली बनाने के लिए जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं, उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं (बोलने वाला), तू (सुनने वाला), यह (निकट-वर्ती वस्तु), वह (दूरवर्ती वस्तु) इत्यादि।

  • सर्वनाम दो शब्दों के योग से बना है: सर्व + नाम, अर्थात जो नाम सब (संज्ञा) के स्थान पर प्रयुक्त होता है|
  • सर्वनाम संज्ञाओं की पुनरावृति रोककर वाक्यों को सौंदर्ययुक्त बनता है।
  • उदाहरण: ‘राम’ एक विद्यार्थी है। वह (राम) हर रोज स्कूल जाता है।
  • उपयुक्त दिए गए वाक्य में ‘राम’ शब्द संज्ञा है तथा दूसरे वाक्य में ‘वह’ शब्द संज्ञा (राम) के स्थान पर प्रयोग किया गया है। इसलिए वह एक सर्वनाम है।

हिंदी में मुख्यतः 11 मूल सर्वनाम होते हैं-  मैं, तू, यह, वह, आप, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ। अन्य सर्वनाम शब्द भी इन्हीं शब्दों से बने हैं, जो लिंग, वचन, कारक की दृष्टि से अपना रूप बदलते हैं।

संज्ञा के समान ही सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं –

  • एकवचन – जैसे – मैं, तू, वह आदि।
  • बहुवचन – जैसे – हम, तुम, वे आदि

सर्वनाम शब्द दोनों लिंगों में एक समान ही रहते हैं जैसे –

  • पुलिंग – वह खाता है।
  • स्त्रीलिंग -वह खाती है।

 

सर्वनाम के भेद:

सर्वनाम और इसके भेद-Hindi Grammer-sukrajclasses.com

सर्वनाम के मुख्यतः छ: भेद होते है, जो इस प्रकार हैं :-

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. संबंधवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6.  निजवाचक सर्वनाम

 

  • पुरुषवाचक सर्वनाम:

जिन शब्दों से व्यक्ति का बोध होता है, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। ‘पुरुषवाचक सर्वनाम’ पुरुषों (स्त्री या पुरुष) के नाम के बदले आते हैं।

पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते है:-

(i) उत्तम पुरुषवाचक – जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला अर्थात वक्ता अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक कहते हैं। जैसे- मेरा, मैं, हम, हमारा, मुझे, मुझको, हमारी, मैंने आदि।

(ii) मध्यम पुरुषवाचक – जिन सर्वनामों का प्रयोग सुनने वाले अर्थात श्रोता के लिए किया जाता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक कहते है। जैसे- तू, तुम, तुम्हें, आप, तुम्हारे, तुमने, आपने आदि।

(iii) अन्य पुरुषवाचक – जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक कहते है। जैसे- वे, यह, वह, इनका, इन्हें, उसे, उन्होंने, इनसे, उनसे आदि।

  1. निश्चयवाचक सर्वनाम :

जिन सर्वनाम शब्दों से किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान की निश्चितता का बोध हो वे शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे -: यह, वह आदि।

    • उदाहरण: यह गाय मेरी है। यहाँ पर ‘यह’ निश्चयवाचक सर्वनाम है।
  1. अनिश्चयवाचक सर्वनाम :

जिन सर्वनाम शब्दों से वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि की निश्चितता का बोध नही होता वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे-: कुछ, कोई आदि।

    • उदाहरण: मेरे खाने में कुछ गिर गया। यहाँ पर कुछ अनिश्चयवाचक सर्वनाम है।
  1. प्रश्नवाचक सर्वनाम :

जिन शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के बारे में कोई सवाल पूछने या उसके बारे में जानने के लिए किया जाता है, उन शब्दों को प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- कौन, क्या, कब, कहाँ आदि।

    • उदाहरण: तुम ने क्या खाया है? यहाँ पर क्या प्रश्नवाचक सर्वनाम है ।
  1. सम्बन्धवाचक सर्वनाम :

जिन शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु या व्यक्ति का सम्बन्ध बताने के लिए किया जाए वे शब्द सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे :- जो-सो, जैसा-वैसा आदि।

    • उदाहरण: जैसा बोओगे, वैसा काटोगे।
  1. निजवाचक सर्वनाम :

जिस सर्वनाम का प्रयोग कर्ता कारक स्वयं के लिए करता है, उसे ‘निजवाचक सर्वनाम’ कहते हैं। जैसे – हमें, तुम, अपने, आप, अपने आप, स्वतः, निजी,  खुद, स्वंय आदि।

    • उदाहरण: मैं अपना काम स्वयं कर लूँगा।

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