महासागरीय लवणता- Ocean Salinity- Geography for Competitive Exams
Competitive Geography topic – “महासागरीय लवणता- Ocean Salinity”, is important for all competitive exams like: CET (Common eligibility Test), SSC CGL, RRB NTPC, UPSC and other state civil services exams. In these exams, almost 4-5 questions are coming from Geography. Let’s start the topic:
लवणता (Salinity):- लवणता शब्द पानी में नमक या लवण की मात्रा को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
महासागरीय लवणता (Ocean Salinity):- सागरीय जल के भार व उसमें घुले हुए पदार्थों के भार के अनुपात को सागरीय लवणता कहते हैं।
- महासागरीय लवणता का परिकलन 1000 ग्राम (1 kg) समुद्री जल में घुले नमक (ग्राम में) की मात्रा के द्वारा किया जाता है।
- इसे PPT के रूप में भी व्यक्त किया जाता है।
- “24.7% की लवणता” को खारे जल की सीमा निश्चित करने की उच्च सीमा माना गया है।
- सामान्यत, खुले महासागरों की लवणता 33% से 37% के बीच में पाई जाती है।
- चारों तरफ से घिरे लाल सागर में लवणता 41% तक होती है।
- आर्कटिक एवम् ज्वार नद मुख में मौसम के अनुसार लवणता 0 से 35% के बीच पाई जाती है।
- अटलांटिक महासागर की औसत लवणता 36% है।
- हिन्द महासागरीय जल में लवणता का औसत 35% है।
- गर्म एवं शुष्क क्षेत्रों में, जहाँ वाष्पीकरण उच्च होता है वहाँ लवणता अत्याधिक पाई जाती है।
- सागरीय जल में लगभग 47 विभिन्न प्रकार के लवण पाए जाते है। सागरीय जल में पाये जाने वाले लवणों में सर्वाधिक मात्रा सोडियम क्लोराइड (77.8%) और दूसरे नंबर पर मैग्नेशियम क्लोराइड (10.9%) की है। अन्य मुख्य लवणों में मैग्नेशियम सल्फेट (4.7%), कैल्सियम सल्फेट (3.6%) और पोटैशियम सल्फेट (2.5%), ब्रोमाइड आदि हैं।
- सागरीय जल में लवण की मात्रा में भिन्नता पाई जाती है तो भी लवणों का सापेक्षिक अनुपात लगभग एक सा ही रहता है।
- महासागरीय लवणता, महासागरीय जल और उसके घनत्व के साथ अंतर्संबंधित होती है। जल के ताप या घनत्व में परिवर्तन जल की लवणता को प्रभावित करता है।
- महासागरीय लवणता का मुख्य स्रोत पृथ्वी है। लवण इकट्ठा करने के मुख्य स्त्रोत में नदियां, समुद्र की लहरें, हवाएं, ज्वालामुखी विस्फोट आदि को सम्मिलित किया गया है।
- विश्व में उच्च लवणता वाले क्षेत्र:- मृत सागर में (238%), टर्की की वॉन झील (330%) और अमेरिका की ग्रेट साल्ट झील (220) हैं।
- महासागरीय जल की लवणता मछलियों और अन्य समुद्री संसाधनों के वितरण को भी प्रभावित करती है।
महासागरीय जल की लवणता को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक:
- महासागरों के सतही जल की लवणता मुख्यतः वर्षण की मात्रा और वाष्पीकरण की दर पर निर्भर करती है।
- तटीय क्षेत्रों में समुद्री सतह के जल की लवणता विभिन्न नदियों द्वारा बहाकर लाए गए ताज़े जल द्वारा प्रभावित होती है।
- ध्रुवीय क्षेत्रों में महासागरीय लवणता बर्फ के जमने और पिघलने की प्रक्रिया से बहुत अधिक प्रभावित होती रहती है।
- तापमान एवं घनत्व में परिवर्तन भी जल की लवणता को प्रभावित करते हैं
- पवन की गति द्वारा महासागरीय जलराशि के स्थानांतरण से विभिन्न क्षेत्रों के मध्य लवणता में बदलाव आ जाता है।
- महासागरीय धाराएँ भी लवणता को प्रभावित करती हैं।
महासागरीय जल में लवणता का ऊध्र्वाधर वितरण:
- समुंद्र की गहराई के साथ लवणता में कुछ परिवर्तन आता है जो की समुंद्र की स्थिति पर निर्भर करता है। सामन्यत:, गहराई के साथ लवणता बढ़ती है और उस क्षेत्र को “हैलोक्लाईन” कहा जाता है।
- ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ या वाष्प के रूप में परिवर्तित होने के कारण सतह की लवणता कम हो जाती है एवं गहराई की ओर बढ़ती है।
- समुंद्र में नदियों के द्वारा लाये गए ताजे जल के मिलने से लवणता घटती है।
- महासागरों की गहराई में लवणता लगभग नियत होती है क्योंकि गहराई में जल का “ह्रास” या नमक की मात्रा में वृद्धि नही होती।
- सामान्यता: कम लवणता वाला जल उच्च लवणता वाले जल के ऊपर स्थित होता है।
For other Geography Topics- Click Here
महासागरीय लवणता- Ocean Salinity
If you like and think that Geography topic- महासागरीय लवणता- Ocean Salinity, is helpful for you. Please comment. Your comments/suggestions would be greatly appreciated.