हरियाणा में गाँधी जी का प्रभाव और कार्य (Mahatma Gandhi in Haryana)
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हरियाणा में गाँधी जी का प्रभाव और कार्य
(Mahatma Gandhi in Haryana)
- 9 जनवरी 1915 को गाँधी जी ‘अफ्रीका’ से भारत लौटे। इसलिए इस दिन को “प्रवासी दिवस” के नाम से भी जाना जाता है।
- गाँधी संग्रहालय, ‘पलवल रेलवे स्टेशन’ के नज़दीक स्थित है।
- गाँधी जी ने 30 मार्च 1919 को ‘रौलेट एक्ट’ के विरोध में देश में हड़ताल का आह्वान किया, जिसकी बाद में तिथि बदलकर 6 अप्रैल 1919 कर दी गई थी।
- रोलेट एक्ट के खिलाफ 6 अप्रैल 1919 से गाँधी जी बम्बई से दिल्ली तथा पंजाब (हरियाणा) के दौरे पर आये थे परन्तु 10 अप्रैल 1919 को गाँधी जी को “पलवल “स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया।
- यह गिरफ्तारी गाँधी जी की पुरे भारत में पहली (1st) गिरफ्तारी थी।
- 1920 में गाँधी जी और अली बंधु; खिलाफत आंदोलन के दौरान रोहतक जेल में बंद ‘खिलाफत बंदियों’ से मिलने आए।
- 22 अक्टूबर 1920 को गाँधी जी भिवानी में हुई ‘प्रथम अंबाला डिविजनल कांफ्रेंस’ में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे।
- इस समारोह के प्रधान लाला मुरलीधर थे।
- वर्ष 1920 में महात्मा गांधी पहली बार ‘भिवानी’ आए थे। उस समय (22 अक्टूबर 1920 को) जब महात्मा गांधी रेलवे स्टेशन पर उतरे तो उनको 31 तोपों से सलामी दी गई थी।
- इस सम्मेलन में महात्मा गांधी के साथ शौकत अली और मोहम्मद अली बंधुओं के अलावा मौलाना अबुल कलाम आजाद, स्वामी सत्यदेव, कस्तूरबा गांधी आदि शामिल हुए थे।
- यहाँ गाँधी जी ने पहली बार ब्रिटिश सरकार के लिए “शैतान ” शब्द का प्रयोग किया था।
- 15 फरवरी 1921 को भिवानी में “हरियाणा रूरल कॉन्फ्रेंस” में गाँधी फिर से आये थे, जिसकी अध्यक्षता लाला लाजपतराय ने की थी।
- यह पहली ऐसी कान्फ्रेंस थी जिसमें 30 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया था। इसमें 10 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हुई थी।
- देश की आजादी के आंदोलन के दौरान भिवानी में महात्मा गांधी ने जब ‘तिलक स्वराज फंड’ के लिए सहयोग मांगा था तो यहाँ की महिलाओं ने अपने गहने तक उतार कर भेंट कर दिए थे।
- 17 फरवरी 1921 को गाँधी जी मौलाना आजाद के साथ रोहतक के रामलीला मैदान में आए।
- यहां उन्होंने ‘वैश्य नेशनल हाई स्कूल’ की नींव रखी।
- इस समय जाट स्कूल के प्रबन्धक ‘मातूराम’ और मुख्याध्यापक ‘चौ० बलदेव’ थे।
- 8 मार्च 1921 को गाँधी जी अंबाला आए।
- अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन शुरू हुआ।
- इस आन्दोलन से पहले ही 1941 में अम्बाला में सत्याग्रह की लहर शुरू हो गई।
- अम्बाला में व्यक्तिगत सत्याग्रह करने वाले 171 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।
- उस समय 7 अगस्त को महात्मा गांधी ने कांग्रेस नेताओं को बॉम्बे (मुंबई) बुलाया और 8 अगस्त को आन्दोलन का रेजुलेशन पास हुआ।
- 9 अगस्त को महात्मा गांधी व अन्य नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिसमें अम्बाला से बॉम्बे गए आर्यनंद शर्मा, लाला विलायती राम, लाल ज्योति प्रसाद, लाल मंगत राय भी शामिल थे।
- 1942 के पूरे संग्राम के दौरान हरियाणा से 328 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी जिसमें खान अब्दुल गफार निवासी गांव लाहा (नारायणगढ़) पंडित भक्तराम शुक्ता, पंडित आर्यनंद शर्मा, लाला दूनीचंद, सरदार अजीत सिंह और प्रीति लाल अग्रवाल इतियादी शामिल थे।
- गाँधी जी ने 2 दिसम्बर 1947 को रोहतक आकर मुसलमानों को अपना स्थान नहीं छोड़कर जाने के लिए कहा।
- 9 दिसम्बर 1947 को गाँधी जी; मौला लकाउल्ला के कहने पर पानीपत आए और मुसलमानो को पानीपत न छोड़ने के लिए कहा। बाद में उसी दिन मेवात में भी गए।
- गाँधी जी ने तत्कालीन गुरुग्राम के मेवात से पलायन कर रहे हजारों मुस्लिमों को रोकने के लिए घासेड़ा गांव के गुज्जर बाड़े में पंचायत की और पूरे मेवात क्षेत्र का पलायन रोका।
- 19 दिसम्बर 1947 को गाँधी जी पंजाब के पहले मुख्यमंत्री “गोपीचन्द भार्गव” से मिलने सोहना आए थे, जबकि इससे पहले पानीपत में गाँधी जी ने भार्गव को सीख दी कि “अच्छे नेता व अच्छे प्रशासक बनो”।
- 30 जनवरी 1948 को नत्थुराम गोडसे ने गाँधी जी की गोली मारकर हत्या करदी।
- 15 नवम्बर 1949 को नत्थुराम गोडसे को अंबाला जेल में फाँसी दी गई।
हरियाणा में गाँधी जी का प्रभाव और कार्य (Mahatma Gandhi in Haryana)
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