skip to Main Content
योजना आयोग Vs नीति आयोग – संरचना, उद्देश्य और कौन बेहतर संस्थान?

योजना आयोग Vs नीति आयोग – संरचना, उद्देश्य और कौन बेहतर संस्थान?

“योजना आयोग Vs नीति आयोग – संरचना, उद्देश्य और कौन बेहतर संस्थान?” is important topic of Economics for all competitive exams like CET, SSC CGL, RRB NTPC, UPSC etc. In these exams, almost 4-5 questions are coming from Economics. Let’s start Economics topic: .

योजना आयोग Vs नीति आयोग – संरचना, उद्देश्य और कौन बेहतर संस्थान?

योजना आयोग की जगह नीति आयोग की जरुरत क्यों पड़ी; इस बात को समझने के लिए पहले इन संस्थानों को समझते हैं:-

योजना आयोग (Planning Commission) क्या था?

  • योजना आयोग का गठन वर्ष 1950 में एक मंत्रिमंडलीय संकल्प द्वारा पूर्व USSR से प्रेरित होकर किया गया था।
  • इसके अध्यक्ष देश के प्रधानमंत्री (नीति आयोग की तरह) ही होते थे। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू इसके पहले अध्यक्ष थे।
  • उद्देश्य: देश में उपलब्ध संसाधनों का सही आकलन करते हुए विकास की आवश्यकता के अनुसार पंचवर्षीय योजना का निर्माण एवं प्राथमिकता अनुसार संसाधनो का सही आवंटन था।

नीति आयोग (NITI Commission) – National Institution for Transforming India क्या है?

  • नीति आयोग (NITI Commission) की संरचना:
    • नीति आयोग का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।
    • इसमें एक उपाध्यक्ष होता है, जिसकी नियुक्ति प्रधानमंत्री करते हैं।
    • एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ होता है। उसकी भी नियुक्ति प्रधानमंत्री करता है। यह केंद्र में सचिव स्तर का अधिकारी होता है।
    • इसके अलावा आयोग में पूर्णकालिक सदस्य होते हैं। अंशकालिक सदस्य होते हैं और पदेन सदस्य होते हैं। जिनमें चार सदस्यों को प्रधानमंत्री खुद कैबिनेट से नामित करते हैं।
    • इसके अलावा आमंत्रित सदस्य भी रखे जाते हैं। ये वे लोग होते हैं, जो अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर चुके होते हैं।
  • नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल: इस आयोग की गवर्निंग काउंसिल में देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और जिन केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा है, वहां के मुख्यमंत्री शामिल किए गए हैं।
  • क्षेत्रीय परिषद:
    • प्रधानमंत्री के निर्देश पर नीति आयोग के तहत क्षेत्रीय परिषदों का गठन भी किया जाता है जिसमें किसी राज्य या कई राज्यों से जुड़े मसलों को रखा जाता है।
    • क्षेत्रीय परिषदों की अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष करते हैं।
    • इस क्षेत्रीय परिषद् में- राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल शामिल होते हैं। जिन केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा है, वहां के मुख्यमंत्री इनके सदस्य होते हैं।
    • क्षेत्रीय परिषदों का गठन किसी विशेष उद्देश्य (विभिन्न राज्यों और इनसे जुड़े मुद्दे) को लेकर होता है; जैसे कि GST यानी गुड्स एंड सेल्स टैक्स।

yojna aayog vs niti aayog -sukrajclasses.com

नीति आयोग की जरुरत क्यों पड़ी?

चूंकि पंचवर्षीय योजनाओं ने भारत का सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही भारी उद्योग के विकास में भी अहम भूमिका निभाई है, फिर भी योजना आयोग को और व्यावहारिक, दक्ष एवं आधुनिक जरूरतों के अनुरूप बनाने हेतु 1 जनवरी, 2015 को मंत्रिमंडलीय प्रस्ताव पर इसे नीति आयोग से बदल दिया गया।

वर्तमान जरूरतों के अनुरूप देश को एक नए सुधार की आवश्यकता है; इसी को आधार बनाते हुए नीति आयोग के गठन के साथ योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया; जिसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:–

  1. टॉप टू बॉटम एप्रोच (Top to Bottom approach):-
    • योजना आयोग सेंट्रलाइज्ड प्लानिंग पर आधारित था, अतः इसके द्वारा सभी योजनाएं केन्द्रीय रूप से बनायी जाती थी जिनका क्रियान्वयन प्रत्येक राज्य को करना होता था।
    • धन के आवंटन के समय भी राज्यों की आवश्यकताओं का ध्यान नहीं रखा जाता था तथा अधिकतर इसका प्रयोग विरोधी राज्यों को परेशान एवं दण्डित करने के लिए किया जाता था। जबकि राज्यों को अपने खर्चों की समझ केन्द्र से कहीं बेहतर होती है।
  1. राज्यों का प्रतिनिधित्व नहीं था:-
    • योजना आयोग में राज्यों का प्रतिनिधित्व न के बराबर था, जिस कारण राज्य नई योजना के निर्माण में सहयोगी की भूमिका में नहीं आ पाते थे।
    • प्रत्येक राज्य को अपनी विशेष परिस्थितियों का बेहतर ज्ञान होता है; परन्तु इस जानकारी का योजना निर्माण के दौरान कोई प्रयोग नहीं किया जाता था।
  1. वर्तमान आवश्यकता के अनुरूप नहीं:-
    • वर्तमान समय की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग को भारत सरकार के एक थिंक टैंक के रूप में क्रियान्वित किया गया। जिसमें विशेषज्ञों (Specialists) को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। योजना आयोग में विशेषज्ञों को कोई महत्व नहीं दिया गया था।

नीति आयोग, योजना आयोग से भिन्न कैसे?

यद्दपि योजना आयोग और नीति आयोग दोनों सलाहकारी संस्थाएं हैं, जो योजनाओं के बेहरत नियोजन संबधी सलाहें देती रही हैं तथापि, योजना आयोग एवं नीति आयोग अनेक आधार पर एक-दूसरे से भिन्नता रखते हैं:-

  • प्रकृति:- जहां योजना आयोग राज्य प्रेरित अर्थव्यवस्था से संबंधित था; वहीं नीति आयोग का गठन बाजार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तथा बाजर प्रेरित अर्थव्यवस्था के अनुरूप किया गया है।
  • नियोजन रणनीति:- नीति आयोग में नीचे से ऊपर की ओर के दृष्टिकोण को अपनाया गया है; जिससे इसमें राज्यों के सहयोग में वृद्धि हुई है। जबकि योजना आयोग, योजना निर्माण हेतु ऊपर से नीचे की ओर के दृष्टिकोण को अपनाता था।
  • सहकारी संघवाद:- योजना आयोग पूर्णतः केन्द्र की संस्था थी जिसमें राज्यों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था, परन्तु नीति आयोग के सहकारी संघवाद के सिद्धांत पर आधारित होने के कारण इसमें केन्द्र एवं राज्य दोनो का समान प्रतिनिधित्व है। राज्यों का प्रतिनिधित्व होने के कारण यह राष्ट्रीय विकास परिषद के रूप में कार्य करने में भी समर्थ है।
  • विशेषज्ञों को स्थान:- विशेषज्ञों को योजना आयोग में कम महत्व प्रदान किया गया था, परन्तु नीति आयोग की संरचना में विशेषज्ञों को विशेष स्थान दिया गया है, जो इसे और व्यवहारिक बनाता है।
  • क्षेत्रीय मुद्दे:- नीति आयोग में क्षेत्रीय मुद्दे अथवा दो या अधिक राज्यों के बीच के मुद्दों को सुलझाने के लिए क्षेत्रीय परिषद का भी प्रावधान है। जिसके सदस्य सभी राज्यों/संघ राज्यों के मुख्यमंत्री या उप-राज्यपाल होंगे, जिससे ये संघवाद का भी रूप प्रदर्शित करता है। योजना आयोग में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था।
  • वित्त आवंटन:- जहां वित्त आवंटन में योजना आयोग की प्रमुख भूमिका थी; वहीं नीति आयोग केवल एक सलाहकारी संस्था के रूप में कार्य करता है।

उपरोक्त विश्लेषण से यह कहा जा सकता है कि नीति आयोग एक नीति निर्धारक तथा सलाहकारी संस्थान के रूप में अधिक सहकारी, समावेशी एवं बाजार की आधुनिक जरूरतों के अनुरूप है और योजना आयोग से बेहतर विकल्प है।

Read Also:

If you like and think that Economics topic on ” योजना आयोग Vs नीति आयोग – संरचना, उद्देश्य और कौन बेहतर संस्थान? ” is helpful for you, Please comment us. Your comments/suggestions would be greatly appreciated.

Back To Top
error: Content is protected !! Copyrights Reserved