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भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ – Five-year Plans Of India

भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ – Five-year plans of India

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भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ – Five-year plans of India

भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ:

भारत की केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए आगामी 5 वर्षों की योजनाएं तैयार की जाती थी जिन्हें पंचवर्षीय योजना कहते थे।

  • इन पंचवर्षीय योजनाओं को वर्ष 1950 से 2014 तक भारत के ‘योजना आयोग (Planning Commission)’ द्वारा बनाया जाता था।
  • वर्ष 2014 से पंचवर्षीय योजनाओं तथा योजना आयोग की जगह नीति आयोग ने ले ली है।

योजना आयोग (Planning Commission):

  • योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 में हुआ।
  • भारत का प्रधानमंत्री ही योजना आयोग का अध्यक्ष होता था।
  • उद्देश्य: भारत के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए पंच-वर्षीय योजनाएं तैयार करना।
  • भारत के संविधान में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है।

राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council):

  • NDC(राष्ट्रीय विकास परिषद) का गठन 6 अगस्त 1952 को किया गया।
  • NDC को सुपर कैबिनेट भी कहा जाता था।
  • उद्देश्य: योजना आयोग द्वारा बनायी गयी पंचवर्षीय योजना को ठीक से क्रियानवित कराना।
  • पंचवर्षीय योजना अंतिम रूप से इसी के द्वारा स्वीकृत की जाती थी।

भारत की कुल बारह पंचवर्षीय योजनाएँ थी, जो निम्नलिखित हैं:-

List of All five-year plans of India -sukrajclasses.com

प्रथम पंचवर्षीय योजना (1st Five-year plan):

(1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956 तक)

  • इस दौरान योजना आयोग के अध्यक्ष थे- जवाहर लाल नेहरू।
  • यह ‘हेरॉड-डोमर’ मॉडल पर आधारित थी।
  • इसकी प्राथमिकता– कृषि विकास की थी।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी =1%
    • जो प्राप्त की गयी = 6%
  • प्रमुख कार्य–
    • भाखड़ा नागल, हीराकुंड, दामोदर घाटी जैसी बहुउद्देशीय परियोजनायें शुरू की गई।
    • कृषि विकास के निर्धारित उद्देश्य को पूरा किया गया।

द्वितीय पंचवर्षीय योजना (2nd Five-year plan):

(1 अप्रैल 1956 से 31 मार्च 1961 तक)

  • इस दौरान योजना आयोग के अध्यक्ष थे- प० जवाहर लाल नेहरू।
  • यह ‘पी० सी० महालनोबिस’ मॉडल पर आधारित थी।
  • इसकी प्राथमिकता– औद्योगिक विकास एवं उद्योग जगत पर केंद्रित थी।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी =5%
    • जो प्राप्त की गयी = 2%
  • प्रमुख कार्य–
    • राऊरकेला, भिलाई, दुर्गापुर इस्पात संयंत्रों की स्थापना की गयी।
    • ‘भारत सहायता क्लब’ की स्थापना इसी पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत हुई थी।

तृतीय पंचवर्षीय योजना (3rd Five-year plan):

(1 अप्रैल 1961 से 31 मार्च 1966 तक)

  • इस दौरान योजना आयोग के अध्यक्ष थे- प० जवाहर लाल नेहरू।
  • इसकी प्राथमिकता– कृषि एवं उद्योग के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने की थी। इस दौरान सबसे अधिक जोर कृषि पर दिया गया।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी = 6%
    • जो प्राप्त की गयी = 8%
    • विकास दर का लक्ष्य पूरा न होने के कारण-
      • 1962 में भारत-चीन युद्ध और 1965 में भारत-पाक युद्ध।
      • 1966 में पड़ने वाला- सूखा  (नोट: इसी सूखे के बाद भारत में ‘हरित क्रांति’ की शुरूआत हुई)।

योजना अवकाश (1966 से 1969 तक):

  • यह पहला योजना अवकाश (Plan Holiday) था।
  • तृतीय पंचवर्षीय योजना के विफल होने के कारण पंचवर्षीय योजनाओं को रोक दिया गया और अगले तीन वर्षों तक वर्षिक योजना चलाई गयी।

चौथी पंचवर्षीय योजना (4th Five-year plan):

(1 अप्रैल 1969 से 31 मार्च 1974 तक)

  • इस दौरान योजना आयोग की अध्यक्ष थी- इंदिरा गाँधी।
  • इसकी प्राथमिकता– स्थिरता के साथ आत्मनिर्भरता और कृषि एवं सिंचाई के महत्व को बल देना था।
  • इस योजना का प्रारूप, योजना आयोग के उपाध्यक्ष- ‘डी0पी0 गाडगिल’ द्वारा तैयार किया गया।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी = 7%
    • जो प्राप्त की गयी = 4%
  • प्रमुख कार्य-
    • इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान 14 बैंको का राष्ट्रीयकरण किया गया।
    • ISRO की स्थापना की गयी।
    • विकास दर की लक्ष्य प्राप्ति न होने के बाद भी इस पंचवर्षीय योजना ने अब तक सर्वाधिक कृषि वृद्धि दर्ज की गयी।

पांचवी पंचवर्षीय योजना (5th Five-year plan):

(1 अप्रैल 1974 से 31 मार्च 1978 तक)

  • ये पंचवर्षीय योजना केवल 4 वर्ष की थी।
  • इस दौरान योजना आयोग की अध्यक्ष थी – इंदिरा गाँधी।
  • इसकी प्राथमिकता – गरीबी उन्मूलन तथा आत्मनिर्भरता।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी = 4.4%
    • जो प्राप्त की गयी = 4.5%
  • प्रमुख कार्य-
    • सामाजिक वानिकी (Forestry) शुरू की गयी।
    • इंदिरा गाँधी ने- “गरीबी हटाओ का नारा” इसी योजना में दिया था।
    • 1975 में TPP(Twenty Point Program) गरीबी हटाओं अभियान लाया गया था।
  • अन्य घटनाक्रम:
    • यह योजना समय से पहले ही (4 वर्ष में ही) समाप्त हो गयी थी क्योंकि Re-election के कारण इंदिरा गाँधी की सरकार 4 वर्ष में ही गिर गयी।
    • 1978 में इंदिरा गांधी के बाद, भारत में जनता-पार्टी की ‘मोरारजी देसाई’ सरकार आयी।
    • ‘Gunnar Myrdal’ ने पिछड़े देशों के लिए एक प्लान दिया था, जिसे ‘रोलिंग प्लान’ के नाम से जाना जाता है।
    • रोलिंग प्लान को कांग्रेस पार्टी ने भारत में नकार दिया था परन्तु 1978 में जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री- मोरारजी देसाई के नेतृत्व में इसे स्वीकार कर लिया।

योजना अवकाश (1979 से 1980 तक):

  • यह दूसरा योजना अवकाश (2nd – Plan Holiday) था।
  • इस अवकाश के दौरान- चौ० चरणसिंह (1979 से 1980 तक) भारत के प्रधानमंत्री रहे।
  • मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी की सरकार ने वर्ष 1978 से पंचवर्षीय योजनाओं को पुनः बंद कर दिया और उसके स्थान पर वार्षिक योजनाऐं बनायीं गयी। इसी कारण, इस अवधि को द्वितीय योजना अवकाश कहा गया।

छठी पंचवर्षीय योजना (6th Five-year plan):

(1 अप्रैल 1980 से 31 मार्च 1985 तक)

  • इस दौरान योजना आयोग की अध्यक्ष थी- इंदिरा गाँधी।
  • इसके प्राथमिक उद्देश्य– गरीबी निवारण, आर्थिक विकास, आधुनिकरण एवं आत्मनिर्भरता और पांचवी पंचवर्षीय योजनाओं के अधूरे कार्य पूरा करना।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी = 2%
    • जो प्राप्त की गयी = 5.7%
  • प्रमुख कार्य-
    • ग्रामीण विकास बैंक NABARD की स्थापना की गयी।
    • छठी पंचवर्षीय योजना ने भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की। यह शुरुआत नेहरूवादी समाजवाद का अंत था।
    • मूल्य नियंत्रण समाप्त कर दिया गया और राशन की दुकानें बंद कर दी गईं जिससे खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई।
    • ग्रामीण बेरोजगारी, गरीबी निवारण से सम्बन्धित कई योजनाएँ चलाई गयी।

सातवी पंचवर्षीय योजना ( 7th Five-year plan):

(1 अप्रैल 1985 से 31 मार्च 1990 तक)

  • इस दौरान योजना आयोग की अध्यक्ष थी- राजीव गाँधी।
  • इसकी प्राथमिक उद्देश्य– रोजगार, शिक्षा और जन स्वास्थ्य-सेवओं में वृद्धि करना था।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी = 5%
    • जो प्राप्त की गयी = 6%
  • प्रमुख कार्य-
    • “गरीबी की माप” सबसे पहले इसी योजना में, ‘लकड़वाल समिति’ द्वारा तय की गयी थी।
    • “भोजन, काम और उत्पादन” का नारा इसी योजना में दिया गया।
    • जवाहर रोजगार योजना भी इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान शुरू करी गयी।

योजना अवकाश (1990 से 1992 तक):

  • यह तीसरा योजना अवकाश (3rd – Plan Holiday) था।
  • इस दौरान 1990 से 1991 प्रधानमंत्री रहे- चंद्रशेखर।
  • वर्ष 1990 से 1992 तक भारत गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस समय अवधि के दौरान पंचवर्षीय योजनाओं को नहीं बनाया गया था। इस समय अवधि को ‘तृतीय योजना अवकाश’ के नाम से जाना जाता है।

आठवीं पंचवर्षीय योजना (8th Five-year plan):

(1 अप्रैल 1992 से 31 मार्च 1997 तक)

  • इस दौरान योजना आयोग के अध्यक्ष थे- पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव।
  • यह पंचवर्षीय योजना- ‘जॉन डब्ल्यू मिलर’ मॉडल पर आधारित थी।
  • इसकी प्राथमिकता में– रोजगार वृद्धि आधुनिकरण एवं आत्मनिर्भरता रहे।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी = 6%
    • जो प्राप्त की गयी = 6.8%
  • प्रमुख कार्य-
    • प्रधानमंत्री रोजगार योजना की शुरुआत इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान हुई।
    • आठवी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत ही LPG Reforms (Liberalization, Privatization and Globalization) आये।

नौवीं पंचवर्षीय योजना (9th Five-year plan):

(1 अप्रैल 1997 से 31 मार्च 2002 तक)

  • इस दौरान योजना आयोग के अध्यक्ष थे- इंद्र कुमार गुजराल (1997-98) और अटल बिहारी वाजपेयी (1998-2002)।
  • प्राथमिक उद्देश्य– मानव विकास के साथ न्यायपूर्ण वितरण एवं समानता का व्यवहार।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी = 5%
    • जो प्राप्त की गयी = 5.5%
  • नोट – अंतर्राष्ट्रीय मंदी के कारण यह योजना असफल रही।

दसवीं पंचवर्षीय योजना (10th Five-year plan):

(1 अप्रैल 2002 से 31 मार्च 2007 तक)

  • इसकी प्राथमिकता थी– गरीबी को समाप्त करना एवं अगले 2 वर्ष में प्रति व्यक्ति आय को दुगना करना।
  • इस दौरान योजना आयोग के अध्यक्ष थे- अटल बिहारी वाजपेयी (2002-2004) और मनमोहन सिंह (2004-2007)।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी = 8%
    • जो प्राप्त की गयी = 7.7%

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (11th Five-year plan):

(1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2012 तक)

  • इस दौरान योजना आयोग के अध्यक्ष थे- मनमोहन सिंह।
  • प्राथमिक उद्देश्य– तीव्रतम एवं समावेशी विकास।
  • विकास दर–
    • जो निर्धारित की गयी थी = 9%
    • जो प्राप्त की गयी = 7.9%
  • प्रमुख कार्य-
    • सबसे उच्चतम विकास दर इसी पंचवर्षीय योजना में प्राप्त की गयी।
    • ‘आम आदमी बीमा योजना’, ‘राजीव आवासीय योजना’ और ‘प्रधान मंत्री आदर्श ग्राम योजना’ की शुरुआत हुई।

 बारहवीं पंचवर्षीय योजना (12th Five-year plan):

  • 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक चलनी थी। परन्तु 2014 में भाजपा पार्टी की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने योजना आयोग को बंद करके 2015 से नीति आयोग की शुरूआत कर दी है।
  • इसकी प्राथमिकता थी– तीव्रतम एवं समावेशी विकास।

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