अशोक चक्र एवं अशोक चक्र की 24 तीलियों के अर्थ
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अशोक चक्र:-
- अशोक चक्र को भारत में ‘धर्म चक्र’ का प्रतीक माना गया है। इस चक्र को प्रदर्शित करने का आशय है कि जीवन गतिशील है और रुकने का अर्थ है = मृत्यु।
- मौर्य राजवंश के महान् शासक सम्राट अशोक के बहुत से शिलालेखों पर प्रायः एक ‘चक्र’ (पहिया) बना हुआ है, जिसे ‘अशोक चक्र’ कहते हैं।
- शिलालेख जैसे- सारनाथ स्थित सिंह-चतुर्मुख (लॉयन कपिटल) एवं अशोक स्तम्भ आदि पर अशोक चक्र विद्यमान है।
- अशोक चक्र को भारत के राष्ट्रीय ध्वज में एक विशेष स्थान दिया गया है।
- 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने तिरंगे को, देश के झंडे के रूप में स्वीकार किया था।
- राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगे) के निर्माताओं ने ध्वज में तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों को स्थापित किया जिसमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टीयां समानुपात में हैं।
- तिरंगे की मध्य सफेद पट्टी के केंद्र में नीले रंग का अशोक चक्र को स्थान दिया गया हैं।
- चक्र के नीले रंग के बारे में कहा गया है कि नीला रंग आकाश, महासागर और सार्वभौमिक सत्य को दर्शाता हैं।
- तिरंगे में अशोक चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है और इसमें 24 तीलियां है।
- ऐसा कहा जाता है की अशोक चक्र की 24 तीलियां मनुष्य के लिए बनाये गए 24 धर्म, मनुष्य के 24 गुणों आदि को दर्शाती हैं।
अशोक चक्र की 24 तीलियों के अर्थ इस प्रकार हैं:-
1. पहली तीली :- संयम ⇒ संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है।
2. दूसरी तीली :- आरोग्य ⇒ निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।
3. तीसरी तीली :- शांति ⇒ देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह।
4. चौथी तीली :- त्याग ⇒ देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास।
5. पांचवीं तीली :- शील ⇒ व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा।
6. छठवीं तीली :- सेवा ⇒ देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा।
7. सातवीं तीली :- क्षमा ⇒ मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना।
8. आठवीं तीली :- प्रेम ⇒ देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना।
9. नौवीं तीली :- मैत्री ⇒ समाज में मैत्री की भावना।
10. दसवीं तीली :- बन्धुत्व ⇒ देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना।
11. ग्यारहवीं तीली :- संगठन ⇒ राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना।
12. बारहवीं तीली :- कल्याण ⇒ देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में भाग लेना।
13. तेरहवीं तीली :- समृद्धि ⇒ देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना।
14. चौदहवीं तीली :- उद्योग ⇒ देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना।
15. पंद्रहवीं तीली :- सुरक्षा ⇒ देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना।
16. सौलहवीं तीली :- नियम ⇒ निजी जिंदगी में नियम संयम से बर्ताव करना।
17. सत्रहवीं तीली :- समता ⇒ समता मूलक समाज की स्थापना करना।
18. अठारहवी तीली :- अर्थ ⇒ धन का सदुपयोग करना।
19. उन्नीसवीं तीली :- नीति ⇒ देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना।
20. बीसवीं तीली :- न्याय ⇒ सभी के लिए न्याय की बात करना।
21. इक्कीसवीं तीली :- सहकार्य ⇒ आपस में मिलजुल कार्य करना।
22. बाईसवीं तीली :- कर्तव्य ⇒ अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना।
23. तेईसवी तीली :- अधिकार ⇒ अधिकारों का दुरूपयोग न करना।
24. चौबीसवीं तीली :- बुद्धिमत्ता ⇒ देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना।
अशोक चक्र एवं अशोक चक्र की 24 तीलियों के अर्थ
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